टोड कथा
टर्र टर्र टर्र टर्र बच्चों ने है शोर मचाया।
बोले अपनी मेढकी मां से एक संकट हमपे आया।
एक भयानक विषधर ने जमा लिया यहाँ डेरा।
कैसे फुदके अब हम निर्भय उपवन में, छाया है मौत का घेरा।
हम हैं छोटे छोटे और वो है खंभे जैसा लंबा
नहीं मेल है कोई हमारा नहीं ले सकते उससे पंगा।
सारी बातें सुनकर मेढकी मंद-मंद मुस्काई।
टर्र टर्र कर पुचकारा बच्चों को और फिर एक बात बताई।
बोले अपनी मेढकी मां से एक संकट हमपे आया।
एक भयानक विषधर ने जमा लिया यहाँ डेरा।
कैसे फुदके अब हम निर्भय उपवन में, छाया है मौत का घेरा।
हम हैं छोटे छोटे और वो है खंभे जैसा लंबा
नहीं मेल है कोई हमारा नहीं ले सकते उससे पंगा।
सारी बातें सुनकर मेढकी मंद-मंद मुस्काई।
टर्र टर्र कर पुचकारा बच्चों को और फिर एक बात बताई।
कद छोटा हुआ तो क्या हिम्मत बड़ी बनाओ।
सूझबूझ और एकता से उस विषधर को मार भगाओ।
जैसे उन 4 नन्हे मेढको ने एक जलसर्प को मार गिराया।
हुई कृपा फिर उनपे देवों की कद आदम का पाया।
एक विशाल जलसर्प ने सागर में आतंक मचाया।
रोजाना छोटे निरीह जीवों को आहार अपना बनाया।
उसके डर से जीव सभी छुप छुप कर ही रहते थे।
कहीं निगल न ले मौत उनको थर थर मन डरते थे।
तब 4 नन्हें मेढक ने जिम्मा ये उठाया।
हम मारेंगे उस सर्प को ये दृढ निश्चय दोहराया।
ये सुन कर सब जीव हंस पड़े बोले क्यों चाहते हो ये करना।
तुम छोटे वो महाकाय उनसे टक्कर का अर्थ है मरना।
चारो बोले जो भी हो हमने ये है ठाना।
इस सर्प के भय से है तुम सबको मुक्त कराना।
ये कह कर चल दिए वो सभी जा पहुंचे सर्प के आगे।
उसको मुंह चिढ़ा कर वो फिर तेजी से भागे।
क्रोधित सर्प चल पड़ा उनके पीछे नहीं समझा उनकी मंशा।
एक छोटी सुरंग में जाकर उसका शरीर फिर उलझा।
जोर लगाया कितना भी उसका शरीर न फिर छूटा।
भूखा प्यासा तड़प तड़प कर आखिर दम उसका टूटा।
अपनी हिम्मत और सूझबूझ से जीत गए वो चारो।
तुम भी युक्ति से ऐसा कोई मार्ग निकालो।
सुन कर इस कथा को बच्चे जोश में आ गए सारे।
निकल पड़े सर्प को सबक सिखाने बन कर रण बांकुरे।
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Toad Katha by Anurag Kumar Singh and Dheeraj Dkboss Kumar
Rating - 134/200
Judge - Mr. Mayank Sharma
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