शिकारियों का शिकार
> देश के लगभग सभी जंगलों में पेड़ों की कटान और जानवरों का शिकार बहुत ही ज्यादा हो रहा है ; वहीँ पर रायपुर जिले के पास स्थित एक जंगल सुंदरवन था जहाँ पर अभी भी हरे भरे पेड़ और जंगली जानवर देखे जा सकते थे,जंगल में शेरसिंह,भोला भालू,चंदू खरगोश,चतुर सियार,मिट्ठू तोता,गजराज, चींची बन्दर और बहुत से जानवर साथ में रहते थे।
> एक दिन चन्दू जंगल में घास खाता हुआ घूम रहा था तो उसने वहां गाड़ियों की आवाज सुनी और भाग के उस तरफ गया उसने वहां पर तीन आदमियों को देखा.
पहला आदमी- हमें बॉस को अपने यहाँ पहुँचने की खबर करनी होगी ! तुम लोग जाल बिछाना और गड्ढे खोदना शुरू कर दो मैं फोन करके आता हूँ
> दूसरा आदमी:: ठीक है हम काम शुरू करते हैं,
> दोनों आदमी फावड़ा और जाल लेकर जंगल में अंदर की तरफ आने लगते हैं
> चन्दू खरगोश भाग कर भोला के पास जाता है,
> भोला-आओ चन्दू बड़ी जल्दी में लग रहे हो ! थोड़ा शहद खाओगे !
> चन्दू- अरे भोला भैया शहद छोड़िये ! बचे रहे तो फिर खा लेंगे ! जंगल में शिकारी आये हैं और जगह जगह गड्ढे खोद और जाल लगा रहे हैं
> भोला- ये तो बड़ी मुसीबत है , हमे बाकी सबको भी खबर करनी होगी इस बारे में ताकि कोई उनके जाल में न फंस जाये
> थोड़ी देर बाद शेर सिंह की गुफा के बाहर बैठक लगी जिसमे जंगल के सभी जानवर आये थे,
> भोला- शेरसिंह जी ,जंगल में शिकारी मौजूद हैं जिनसे हम सभी को काफी खतरा है इसलिए हम यहाँ हैं ताकि हम सभी मिल कर उनसे छुटकारा पाने का koi उपाय निकाल लें
> शेर सिंह- इस मुसीबत से निकलने में ताकत काम नहीं आएगी ,वैसे भी मैं अब बूढ़ा हो गया हूँ,पहले जैसी फुर्ती नहीं रही अब ! इस बार हमे दिमाग का इस्तेमाल करके उन्हें चतुराई से रोकना होगा
Chandu: par unke paas hathiyaar bhi hain . .ham unka mukabla kaise karenge ?
Sher singh : hamare paas hausalaa hai chandu ji , aur hausalaprast hi har nakaratmak sthiti ko sakaaraatmak me badalane ki taakat rakhte hain .
> चतुर - जी बिलकुल ! मेरे पास इसके लिए एक उपाय है और उसके लिए सबको मिल जुल कर काम करना होगा
> भोला - हम सभी सहयोग करेंगे ,आप अपनी योजना बताइये
चतुर- सबसे पहले हमे उनके बिछाये गए जालों और गड्ढों को खत्म करना होगा,और उसे खोजने का काम बन्दर करेंगे क्योंकि वो गड्ढे से आसानी से निकल सकते हैं ,हम सभी को गड्ढे में मिट्टी डालकर उसे वापस पाटना होगा
> चंदू - और जालों का क्या ? हमे तो पता ही नहीं चल पायेगा की उन्होंने जाल कहाँ बिछाया है
> चतुर - अभी वो जाल बिछा रहे हैं तो हम में से कोई उनपर नजर रखेगा और यह काम आसमान में उड़ने वाले जानवर यानि पक्षी करेंगे और यह काम मिट्ठू तोता करेगा
> फिर....... चतुर आगे की योजना बताता चला गया
> और सारे जानवर काम पर लग गए..
> इधर जंगल में दो शिकारी अपना जाल बिछा कर आराम करने लगे, तीसरा सामान रखने गाड़ी की तरफ गया
> और दूसरी तरफ choohon ki fauj ne gupchup unke saare jaale kutar daale . .
baaaki jaanvar yojna ke tehat apna apna morcha sambhaale huye the
> योजना के अनुसार गजराज ने बड़े बड़े कुछ पत्थरों को नदी की दिशा में ढलान की तरफ लाकर रख दिया और चींची बन्दर ने अपनी टोली के साथ आराम कर रहे दोनों शिकारियों पर हमला कर दिया ; बन्दरों के हमले से बौखला के वो गाडी की तरफ भागे और unhone गाड़ी में रखे हथियार को निकालने की कोशिश की पर तभी शेर सिंह उनके सामने आ गया
Sher singh : ab kaha bhaagte ho kaayaro ; apne swaarth le liye nirdosh aur nireeh pashu--pakshiyo ko maarte ho ,ab apni khud ki baari aayi hai to dar se kaamp rahe ho.
Idhar मौके का फायदा उठा कर चतुर सियार aur uske sathiyo ने उनके हथियार अपने मुहं में झपट लिए aur unhe us ghadde me daal aaye jinhe bandar mitti se paat kar bhar rahe the . .
शेर सिंह से डर कर एक शिकारी गाडी लेकर वहां से भाग निकला और बाकी दोनों नदी की दिशा में ढलान की तरफ भागने लगे
और इसी मौके के ताड़ में बैठे गजराज ने सारे पत्थर उनकी तरफ लुढ़का दिए
पत्थरों से कुचले जाने के डर से दोनों शिकारी नदी में कूद गए और बहाव के साथ दूर बह गए ।।
Sher singh ne sabko shaabaashi di aur fir sab jaanvar hasi khushi apne kaamo me lag gaye
जानवरों की सूझबूझ और एकता से जंगल एक बड़ी मुसीबत से बच गया और इसी से हमे पता चलता है की बड़ी मुसीबत में भी यदि एकता और संयम से काम किया जाये तो हर मुसीबत का सामना किया जा सकता है ।।
To dosto , museebate harek ke jeevan me aati hain ,yeh hamare najariye ke upar hai ki hum un musibato ko apne upar haavi hone dein ya hausla aur sanyam rakh un par haavi ho jaye.
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"Shikariyon ka Shikaar" by Vaibhav Singh and Navneet Singh
Rating - 108/200
Judge - Mr. Mayank Sharma
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