Demon in a Bottle
(Karan Virk)
"सॉरी, आपकी दूसरी किडनी भी फ़ेल हो गयी है. क्या, अब आप हॉस्पिटल में भर्ती होना चाहेंगे?"
"पहले, ठेके पर जाना चाहूँगा!"
हॉस्पिटल के कॉरिडोर में चलते, राहुल के चेहरे पर एक मुस्कान उभर रही थी. डॉक्टर, की बात आज तक किसने सुनी है? आज, उसे एक ही पैग चढाने का मौका मिला था! अपने, दिल की धीमी पड़ती धड्कन उसके कान सुन पा रहे थे. क्या, पता अभी वहीँ गिर पड़े? किसी तरह, राहुल कार तक पहुंचा.
कार, की डिकी में बकार्डी का एक पूरा पैक था! शराब पि कर गाड़ी चलाना हानिकारक है.
राहुल की नज़रें सड़क पर कम, और बोत्तल की तरफ जादा थीं! स्ट्रीट लाइट के निचे से गुज़र रही गाड़ी, कठपुतली की तरह चल रही थी. राहुल, अपनी यादों में खो चूका था! उसे, अभी भी याद थी वो मनहूस रात, जिस दिन उसने अपनी बीवी और दो बच्चों को एक्सीडेंट में खोया था! याद, थीं वो चीखें जो अब भी उसके दिमाग में घूम रहीं थीं! अपने, परिवार के खून से सने चेहरे...शराब पि कर गाड़ी चला रहे, राहुल को तो कुछ नहीं हुआ पर एक बोत्तल ने उसकी पूरी ज़िन्दगी उजाड़ दी.
पर, अब राहुल की दूसरी शादी हो चुकी थी! और, उसका एक बेटा भी था. अपनी, यादों में खोये राहुल को यह भी नहीं पता था, की आज उसके साथ वाला शैतान फिर से भूखा था! गाड़ी, खंभे से जा टकराई. पेट्रोल, के साथ ही कुछ और भी बह रहा था. खून!
रुको...गाड़ी का दरवाज़ा खुला, खून से रँगे जूते का निशान तारकोल पर पड़ा. अभी, राहुल जिंदा था. पूरा सूट खून से ज़रूर रंग चूका था, फिर भी चेहरे पर मुस्कान थी. राहुल, ने डिक्की खोली, और पागलों की तरह शराब की बोत्त्लें सड़क पर फेंकने लगा. यह, हर इंसान करता है. जगह कोई भी हो, वक़्त कोई भी हो, रंग कोई भी हो...खून सबका एक है...और, यह सड़क पर टूटतीं बोत्त्लें, राहुल की चीखें हैं. हर, किसी की अलग होती हैं.
एक, बोत्तल बची गयी! राहुल, का घर बस १५ मिनट दूर था! उसकी, आँखें अब नम नहीं थीं. शायद, आखिरी बोत्तल बचने की वजह से.
अपने, घर के सामने खड़े राहुल ने वोह बोत्तल ख़तम की और अन्दर घुस गया. उसकी नज़र किसी को ढूंढ रही थी. पर, यह क्या? यह तो उसकी पहली बीवी है! उसे, उसका पीछा करने का इशारा कर रही है!
"तुम जिंदा हो?"
राहुल के कदम उसकी नयी बीवी के कमरे में पड़े. रसोई से उठाया हुआ चाकू, उसके हाथ में चमक रहा था! एक, पल बाद उसकी बीवी का सर उसके हाथ में था. पूरा बिस्तर खून से नहा चूका था! उसके, बाद अपने बेटे को गोली मारी.
"मैं, मर चूका हूँ !"
चाकू, राहुल के सिने में से जगह बनता हुआ उसके दिल को चीर गया. पहले से ही खून सने, सूट पर नया खून लग गया!
The End!
Rating - 51/100
Judge's Comment - Message achcha laga Karan but kuch khaas maza nahi aya shayadd yeh tumhara purana creation hai isliye.
*) - My Love
(Kartikeya Kashyap)
forbidden curves
in the night
the breadth of your shoulders
the arch of your spine
moonlight filters though
the cracks in the blinds
as Luna peeks silently
watching our love
unfold in the dark
her rays
dance across your skin
yet I fault her not
how could anyone not be drawn to you?
hushed whispers
fill the air
and dance around us
carrying the secret
of our love
as our limbs
become as tangled as our thoughts
and for once
more than our hearts are intertwined
in this moment
of knowing the taste of your lips
the touch of your skin
and the depth of your
sapphire eyes
Rating - 47/100
Judge's Comment - Intimate-Sexy! & nicely presented.
Result - Mr. Karan Virk wins the match and moves to next round, Mr. Kartikeya Kashyap is eliminated from Freelance Talents Championship.
Judge- Mr. Pankaj Vijayvargiya (Author, Musician & Entrepreneur)
Demon in a bottle review------
ReplyDeletePositive Points:-
1>Apki hindi language par command hamesha mujhe achambhit mein daal deti hai. Bravo!! Bahut hi unda shabdo ka prayog kiya hai aapne.
2>Imageries jo aapne used kiye hai ve bilkul situation ki satikta ke saath hai. They are awesome!
Negative Points:-
1>Apne diye gaye resources ka ache se upyog nahi kiya. 2000 word limit thi lekin apne bahut kum mein likha...jab laga ki story aage barhegi to achanak se khatam hogayi....Disappointing!!!
2>Plot bahut common thi...aapne agar Rahul ki story ka background diya hota to jyada behtar hota...
Nevertheless at the end what matters is the win....Sorry to say but this is not even close to any of your great works...