आदमखोर
'घनी अँधेरी रात में एक कार सुनसान रास्ते पर दौड़ी जा रही थी'
जिसमे कुछ दोस्त(अमन,निर्भय,विनय,मोहित) सैटरडे नाईट की पार्टी सेलिब्रेट करने मोहित के अंकल के फार्म हाउस पर जा रहे थे,लेकिन तभी घने बदलों में गड़गड़ाहट होने लगी !
अमन > लगता है बारिश होने वाली है !
निर्भय > कोई दिक्कत नहीं है भाई बह थोड़ी न जायेंगे 
'लेकिन शायद इनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था क्योंकि मुसीबत अकेले नहीं आती भाई बहन लेकर आती है वैसे ही बारिश के साथ तूफ़ान भी आ गया और दोस्तों को गाड़ी चलाने में दिक्कत होने लगी क्योंकि तूफान बहुत तेज और बारिश बहुत तेज थी '
विनय > गाड़ी थोड़ी देर कहीं पर रोक लेते हैं मौसम शांत होने पर चलेंगे (कहते हुए विनय गाड़ी सड़क पर एक किनारे लगा देता है और चारों दोस्त गाड़ी में बैठ कर गपशप करने लगते हैं)
मोहित गाड़ी से उतर कर झाड़ियों की तरफ पेशाब करने चला जाता है और उसे वहा पर एक खण्डहर सा मकान दिखाई देता है मोहित लौट कर वापस गाड़ी के पास आता है,
मोहित > भाई लगता है यहाँ पर कोई पुराना घर है चलो उधर ही चलते है शायद कोई भूत शूत मिल जाये और यहाँ गाडी में पड़े रहने से तो अच्छा ही है वैसे भी तूफ़ान अब शांत है बारिश के रुकने तक वेट कर लेते हैं ।।
बाकी तीनों एक साथ > चल चलते हैं मोहित बाबा भूतिया खण्डहर में 
चारों दोस्त उस मकान में जाते हैं और मकान में टहलने लगते हैं तभी उन्हें पके मांस की खुशबू आती है ,
विनय > यार यहाँ पर तो कोई दिख न रहा तो यहाँ खाना कौन बनाएगा !
निर्भय और मोहित इधर उधर देखते हुए एक कोने में एक स्टोव और कूकर पड़ा पाते हैं और बाकियों को बुलाते हैं,
अमन > भाई लगता है भोजन का इंतज़ाम इधर ही हो गया है हम लोगों का क्योंकि खाने का मालिक तो कहीं दिख नहीं रहा ! हा हा हा 
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विनय आगे बढ़ के कुकर उठाता है और उसे खोलता है ! कुकर का ढक्कन हटते ही उसका दिल धक्क से रुक जाता है और आँखे फ़टी सी रह जाती हैं !
मोहित > ओये तुझे क्या हो गया स्टेचू क्यों बन गया ? (कहते हुए मोहित भी आगे बढ़ के कुकर में देखता है और उसका कलेजा मुंह को आ जाता है )
मोहित > अबे ये क्या है ! (निर्भय और अमन भी कुकर में देख कर दंग रह जाते हैं !)
'कुकर में इंसान का कलेजा पका पकाया रखा हुआ था साथ में 1 जोड़ी आँखे भी !'
तभी किसी के कदमों की आवाज सुनाई पड़ती है और चारों दोस्त कुकर वहीँ फेंक कर वहां से भाग जाते हैं ! सब जल्दी से गाडी में बैठ कर गाडी स्टार्ट करके वहां से निकल लेते हैं !
निर्भय > यार हमे पुलिस को खबर करनी होगी (कहते हुए निर्भय फोन लगाता है और पुलिस को घटना से अवगत कराता है )
'थोड़ी देर में सब इंस्पेक्टर रजत वहां पर पहुँच जाता है लेकिन किसी को वहां पर कुछ नहीं मिलता और SI रजत अगली बार भद्दा मजाक न करने की नसीहत देते हुए वापस लौट जाता है'
मोहित > यार इतनी जल्दी सब कैसे गायब हो सकता है !
अमन > कुछ समझ में नहीं आ रहा हमे इस मामले को खुद ही सुलझाना पड़ेगा वरना पता नहीं अगली बार कौन कुकर में पक रहा होगा
निर्भय > ठीक है फिलहाल हम सब फार्म हाउस पर चलते हैं और वहीं पर इस बारे में आगे सोचेंगे ।
थोड़ी देर में चारों फार्महाउस पर मौजूद थे और मोहित ने घटना की खबर अपने अंकल जितेंद्र को दे दी थी सो वो भी आ गए थे,मोहित के अंकल पेशे से मनोचिकित्सक थे सो उन्हें इस घटना में खासी दिलचस्पी पैदा हो गयी थी,
विनय ~ मुझे लगता है की हमे उस जगह पर नजर रखनी चाहिए शायद जिसने भी यह वहशियाना काम किया हो वो फिर से वहां आये ! क्योंकि पुलिस तो हमारी बात मजाक ही समझेगी
निर्भय ~ यार फिर भी वहां जाना सही नहीं है ! साइको बन्दा लगता है और वैसे भी हमे नहीं पता की वहां है क्या !
जितेंद्र ~ मैंने ह्यूमन साइकोलॉजी पर काफी शोध किया है मुझे ऐसी कोई बीमारी नहीं मिली जिससे इंसान ही दूसरे इंसान को मारकर खा ले हाँ ऐसी बीमारियां जरूर हैं जिसमे इंसान।कभी कभी अपना ही मांस नोच लेता है ।
मोहित ~ यह जो कोई भी है वो इंसानों को पका के खा रहा है ! ऐसा भी हो सकता है की ये लोग हमारे बीच ही रहते हों और हमे पता भी नहीं है ,
अमन ~ यार तुम लोग समझो तुम्हे जो भी समझना है मैं एक बार फिर उस जगह जाऊँगा और वहीँ से पुलिस स्टेशन जाकर एक बार इंस्पेक्टर को समझाने की कोशिश करूँगा,शायद वो इस मुसीबत से निबटने में हमारी मदद कर दे ।
कहते हुवे अमन फार्महाउस से निकल जाता है ।
'अमन वापस उसी जगह पहुँचता है पर वहां पर कोई गाड़ी देखकर चौंक जाता है वह विनय को इस बारे में मेसेज करता है और उस मकान की तरफ बढ़ता है ! अंदर पहुँच के वो देखता है की प्लेट में मांस परोसा हुआ है साथ में सक बियर की बोतल भी पड़ी हुई है .......
...फटाक sssss तभी किसी ने उसके सर पर पीछे से वार किया और उसका दिमाग अँधेरे में गुल हो गया ...
थोड़ी देर बाद अमन की आँखे खुलती हैं और वो खुद को रस्सी से उलटा टँगा पाता है और अपने सामने इंस्पेक्टर रजत को खड़ा देखता है ...
अमन ~ इंस्पेक्टर !
रजत ~ तुम्हे वापस नहीं आना चाहिए था बच्चे ! 
अमन ~ तो तुम ही वो आदमखोर दरिंदे हो
?
रजत ~ हाँ मैं ही हूँ !
अमन ~ पर इंसानों को क्यों खाते हो इतना वहशीपन क्यों (अमन रजत को बातों में उलझाने की कोशिश कर रहा था ताकि समय रहते बाकी वहां पहुँच सकें )
रजत ~ वैसे मुझे तुम्हे बताने में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं है क्योंकि तुम्हे भी मेरी आंत पचा रही होगी कुछ समय बाद !
पर बता ही देता हूँ , दरअसल मैं और कुछ लोग अदालत से एक मानसिक रूप से विक्षिप्त मुजरिम को उसके डॉक्टर और फैमिली के साथ लेकर आ रहे थे पर जंगल में हमारी गाडी ख़राब हो गयी और हम मदद मांगने इसी मकान में रहने वाले एक शख्स के पास आये पर उसने हमे धोखे से कैद कर लिया और एक कमरे में बन्द कर दिया ! शायद वो भी इंसानों को खाता था उस बन्द कमरे में हमे भूखा रखा गया सिर्फ पानी की बोतले मिलती थी और खाना न मिलने की वजह हम बिलकुल बेकाबू और भूखे हो गए थे फिर उस बन्दे ने हमे कुछ कुछ मांस के कच्चे लोथड़े दिए जो किसी बच्चे के थे हम कई दिनों से भूखे थे तो हमने बिना सोचे उस लोथड़े को खा लिया पर वह हमे सिर्फ एक टुकड़ा देता था एक दिन वह बन्दा कमरे मे से उस कैदी को लेकर चला गया फिर अगले दिन हमे उसका लोथड़ा खाने को मिला फिर उसने हमे कुछ दिन लोथड़ा नहीं दिया ,फिर हम धीरे धीरे एक दूसरे को ही मार कर खाने की सोचने लगे मैंने उन सबको मार कर खा लिया !
अमन ~ राक्षस से भी बदतर हो तुम 
रजत ~ क्या करता पापी पेट का सवाल था ! फिर वहां से निकलने के लिए मैंने कई दिन बेहोश होने बेहोश होने का नाटक किया और जैसे ही वो बन्दा आया मैंने उसे भी मार डाला और उसे भी खा लिया यकीन मानों उसका गोश्त सबसे लजीज था।
अमन ~ तो अब तुम मुझे भी मारने वाले हो !
रजत ~ ओ हाँ बिलकुल वरना खाऊंगा क्या 
रजत ने बाहर जाकर गाडी में से एक बचर नाइफ निकाली और वापस मकान में आ गया .. पर अमन वहां नहीं था..
रजत वापस घुमा और फड़ाक Sssssss.... रजत दूर जा गिरा और सामने अमन,विनय,निर्भय और मोहित को पाया और चारों उसपर एक साथ पिल पड़े और थोड़ी देर बाद रजत हथकड़ियों में जकड़ा थाने ले जाया जा रहा था ।
आदमखोर दरिंदे का खात्मा हो गया था अब शायद किसी और को कुकर में पकने की जरूरत नही थी,
सभी दोस्त अपने - अपने घर निकल लिए,
अगले दिन अमन ने विनय को कॉल किया की उन्हें पुलिस स्टेशन में गवाही देने जाना है पर विनय का फ़ोन कई बार कोशिश करने पर भी नहीं उठा तो उसने बाइक निकाली और विनय के घर पहुँच गया और निर्भय को बताया की वो विनय के यहाँ जा रहा है और उसे पुलिस स्टेशन जाकर गवाही देने के लिए कहा ।
अमन विनय के घर पहुंचा तो घर खुला पड़ा था और फर्श पर खून के छींटे थे तभी उसे पीछे से किसी ने मारकर बेहोश कर दिया और थोड़ी देर बाद उसने खुद को विनय के साथ टेबल पर बंधा पाया पर फर्क इतना था की विनय का पेट चीरा हुआ था और उसके बॉडी के पार्ट कटे हुए थे ,
तभी उसकी नजर छुरा पकड़े शख्स पर गयी जो बड़े आराम से विनय की जांघ को काट रहा था और उसे देख कर अमन की आँखे फ़टी रह गयी !
अमन को देखकर उस शख्स ने फुर्ती से मुस्कराते हुए उसके सर को धड़ से एक ही बार में अलग कर दिया और उसका तड़पने लगा ।।
अगले दिन मोहित किसी काम से अपने अंकल से मिलने उनके घर गया और वहां पर पहुँचने के बाद उसके अंकल ने उसे डिनर करके वापस जाने को कहा या वो चाहे तो आज रात यही रुक सकता है,पर मोहित ने खाना खाने से मना कर दिया पर अंकल के कहने पर उसने जबरन दो रोटियां खाली और रात को वहीं रुक गया ।
अगले दिन सुबह उसके अंकल की आँख खुली तो उन्होंने खुद को टेबल पर बंधा पाया और सामने छुरा पकड़े मुस्कुराते हुए मोहित को देखा
मोहित ~ आपको मुझे कल खाना नहीं खिलाना चाहिए था देखिये आज आप मेरा खाना बनने जा रहे हैं !
जितेंद्र(अंकल) ~ पर क्यों !
मोहित ~ कल निर्भय ने मुझे बताया था की अमन विनय से मिलने उसके घर जा रहा था तो मैं भी वहां पहुँच गया और मैंने आपको देखा अमन और विनय को ले जाते हुए फिर मैंने आपका पीछा किया और आपके घर तक आया इससे पहले मैं कुछ कर पाता आपने पहले विनय और फिर अमन को मार दिया !
जितेंद्र ~ फिर तो मुझे पुलिस के हवाले कर दो !
मोहित ~ नहीं ! वहां क्यों ! मैं तो यहाँ आपको मारने यहाँ था मेरे दोस्तों का कत्ल करने के लिए पर आपने मुझे उनका ही मीट खिला दिया और मेरा टेस्ट अब बदल गया है और आज की डिश आप हैं !
मोहित ने छुरा हवा में उठा और पूरी ताकत से जितेंद्र के सीने में घोंप दिया थोड़ी देर बाद जितेंद्र कुकर में पक रहा था ।
'समाप्त'
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Rating - 114/200
Judges - Mayank Sharma, Mohit Trendster and Pankaj V. (Shaan)
Total Rating (3 Rounds) - 335/600 (55.83%)
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